आज का संकट: रूस–यूक्रेन युद्ध का 1211वां दिन
18 जून 2025 को इस बड़े संघर्ष का 1211वां दिन है, जब रूसी सेना की व्यापक आक्रमणकारी गतिविधियाँ जारी हैं और यूक्रेनी रक्षा बल पीछे हटने की बजाय डट कर मुकाबला कर रहे हैं ।
1: हालिया सैन्य घटनाक्रम
1. ड्रोन हमले
21 जून की देर रात रूस ने ओडेसा और खार्किव में 20 से अधिक ड्रोन मिसाइलों से हमला किया, जिसमें एक नागरिक की मौत और 24 से ज़्यादा लोग घायल हुए—बच्चे और आपातकर्मी भी शामिल हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने इसे “निशाना बना कर आतंक” बताया और पश्चिमी देशों से रूस पर आर्थिक प्रतिबंध और तेज़ करने का आह्वान किया ।
2. मिसाइल और तोपखाने की बरसात
रूसी तोपखाने और मिसाइलों ने खेरसॉन, ज़ापोरिज्ज़िया और डोनेत्स्क क्षेत्रों में भी नागरिक ढांचे को निशाना बनाया।
आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 175 से अधिक मुकाबले दर्ज किए गए हैं, जिनमें यूक्रेनी सेना ने अधिकांश हमलों को सफलतापूर्वक रद्द किया ।
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फोटो jantanews.in |
2: रक्षा उत्पादन में ताकत बढ़ाने का आह्वान
यूक्रेनी नेतृत्व ने शुक्रवार को G7 सदस्य देशों से अपने GDP का कम से कम 0.25% हिस्सा यूक्रेन की हथियार विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए समर्पित करने का अनुरोध किया ।
इस पहल के तहत ड्रोन, मिसाइल और तोपखाने की पूंछ-निर्माण लाइनें यूरोपीय देशों में स्थापित की जाएँगी, जिससे घरेलू उत्पाद 40% से बढ़कर 60–70% तक पहुंच सके।
‘Build with Ukraine’ कार्यक्रम के तहत, विदेशों में भी उत्पादन लाइनों का विस्तार होगा और भविष्य में यूक्रेन अपने सैन्य प्रौद्योगिकी का निर्यात भी कर सकेगा ।
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3: मनुष्यता पर असर
जबर्दस्ती निर्वासन:
ज़ापोरिज्ज़िया क्षेत्र के कोमिश-ज़ोरिया से सौ से अधिक प्रो-यूक्रेनी नागरिकों को ‘स्वास्थ्य कारणों’ का बहाना बनाकर रूस ले जाया गया।एक उदाहरण है हेडमास्टर सेरगी सेरदिउक और उनके परिवार का जबरन निर्वासन। उन्हें और उनकी बेटी को रूस में अगले 40–50 वर्षों के लिए प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया ।
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दैनिक जीवन की चुनौतियाँ:
परिवार बिछड़ने, बच्चों का मानसिक आघात और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मानवीय संगठन मान रहे हैं कि इस युद्ध में अब तक सैकड़ों हजार नागरिक विस्थापित हो चुके हैं।
4: कूटनीतिक पहल और संभावित शान्ति वार्ता
1. सुलह प्रयास
रूस और यूक्रेन के बीच हाल ही में एक और बंदी-विनिमय हुआ, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोनों पक्ष शांति वार्ता की संभावना तलाश रहे हैं ।
2. अंतर्राष्ट्रीय समर्थन
G7 देशों में पनप रही असहमति के बावजूद, NATO प्रमुख समिट (The Hague) में डिफेंस बजट और वित्तीय प्रतिबंधों पर मंथन होगा।
पश्चिमी नेताओं द्वारा युद्धविराम की दिशा में कोई ठोस कदम अभी तक नहीं लिया गया।
निष्कर्ष
रूस–यूक्रेन युद्ध ने मानवता, राजनीति और आर्थिक दोनों ही मोर्चों पर गहरे घाव लगाएँ हैं। 1211 दिनों से जारी इस संघर्ष ने ना केवल मिलिट्री परिदृश्य बदला है, बल्कि आम नागरिकों के जीवन को भी तहस-नहस किया है। युद्ध का कोई तत्काल अंत दिख नहीं रहा, पर वर्तमान कदम—ड्रोन हमले, रक्षा उत्पादन में वृद्धि, निर्वासन की रिपोर्ट और शांति प्रयास—यह संकेत देते हैं कि आने वाले महीनों में इस जंग की दिशा अभी भी बहुत बदल सकती है।
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